Saturday 25 April 2015

भैषज्य रत्नावली के कु्छ योग_Sample Notes

भैषज्य रत्नावली के कु्छ योग

  • पञ्चवक्त्र रस – ज्वर
  • कफकेतु रस – ज्वर
  • कस्तुरीभैरव रस – ज्वर
  • लक्ष्मी विलास रस – ज्वर
  • ब्राह्मी वटी – ज्वर 
  • विषमज्वरघ्नी वटी – ज्वर
  • कर्पुररस – अतीसार
  • अहिफेनासव – अतीसार
  • पञ्चपल्लव –ग्रहणी
  • दाडिमाष्टक - ग्रहणी
  • दुग्धवटी – ग्रहणी
  • रामबाण रस – अग्निमान्ध
  • अग्निसन्दीपन रस – अग्निमान्ध
  • क्रिमिनुद्गर रस – कृमि
  • चतुर्भुज रस – उन्माद
  • नाराचरस – उदावर्त
  • सप्तशालिवटी – फिरंग
  • रजःप्रवर्तनी वटी –रजोरोध
  • कुबेराक्षादि वटी – शूल, अग्निमान्ध
  • प्रभाकरवटी – हृद्रोग
  • आमवातारिवटी – आमवात
  • वातगजांकुश – वातव्याधि
  • उन्मादगजांकुश उन्माद

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