चरकसंहिता सूत्रस्थान
1. च.सू. में संभाषायें आयी हैं –
a) अध्याय 1,12,25,27 में
b) अध्याय 1,2,25,26 में
c) अध्याय 1,11,25,26 में
d) अध्याय 1,12,25,26
a) अध्याय 1,12,25,27 में
b) अध्याय 1,2,25,26 में
c) अध्याय 1,11,25,26 में
d) अध्याय 1,12,25,26
2. स्त्रावणार्थ रसाञ्जन का प्रयोग करने का निर्देश हैं –
a) पञ्चरात्रे-सप्तरात्रे वा b) त्रिरात्रेऽष्टरात्रे वा
c)
पञ्चरात्रेऽष्टरात्रे वा d) त्रिरात्रेपञ्चरात्रे वा
3. “न मन्याहनुसंग्रह” किस कर्म की प्रशस्ति में कहा गया हैं – a)
कवल b) कर्णतर्पण c) मूर्धतैल d) सेक
4. आ॰ वाग्भट्टानुसार त्रिफला का रात्रि में नेत्र बलाधानार्थ प्रयोग करने का विधान हैं-
a) मधुक्षीर के साथ b) क्षीरसर्पि के साथ
c) मधुसर्पि के साथ d) उपरोक्त सभी के साथ
5. “दर्भकुशकाशगुन्द्रेत्कटकतृणमूलानि” महाकषाय हैं-
a)
मूत्रजनन b) स्तन्यशोधन c)
शुक्रशोधन d) स्तन्यजनन
6. “बल्यापुनर्नवकारी” स्नेह की किस मात्रा के सन्दर्भ में कहा गया हैं –
a) उत्तममात्रा b) मध्यममात्रा c) हृस्वमात्रा d) हृसयसीमात्रा
7. “कायाग्नेबाधतेरोगांस्ततः कुरुते बहुन्” ॠतु से सम्बन्धित हैं –
a)
वसन्त b) वर्षा c) शरद् d) ग्रीष्म
8. ज्वर किस वेग विधारण का लक्षण हैं – a)
अपान b) छर्दि c) जृम्भा d) क्षवथु
9. शारीरिक गुण हैं –
a) परादि गुण b) गुर्वादि गुण
c) आध्यात्मिक गुण d) वैशेषिक गुण
a) परादि गुण b) गुर्वादि गुण
c) आध्यात्मिक गुण d) वैशेषिक गुण
10. आ॰चरक ने “अर्जुन” को किस महाकषाय में शामिल किया हैं –
a)
हृद्य महाकषाय b) अंगमर्दप्रशमन महाकषाय
c) उदर्दप्रशमन महाकषाय d) कुष्ठघ्न महाकषाय
11. वमन व विरेचन हेतु किसका क्षीर प्रयुक्त करते हैं –
a) जीमूतक b) स्नुहीक्षीर c) अश्मन्तक d)
अर्कक्षीर
12. पञ्चकर्म प्रयोग व त्रिदोष प्रकोप क्रमशः किन ॠतुओं में होता हैं –
a) वसन्त वर्षा b) कुसुम शरद्
c) हेमन्त वसन्त
d) कुसुम निदाध
13. चिकित्स्य गुण एवं सामान्य गुण क्रमशः हैं –
a) गुर्वादि, परादि b) गुर्वादि, आध्यात्मिक
c) परादि, आध्यात्मिक d) उपरोक्त सभी
a) गुर्वादि, परादि b) गुर्वादि, आध्यात्मिक
c) परादि, आध्यात्मिक d) उपरोक्त सभी
14. आ॰चक्रपाणि के अनुसार “रास्ना हाफरमाली” किस महाकषाय में शामिल हैं –
a)
कृमिघ्न b) विषघ्न c)
पुरीषसंग्रहणीय d) ज्वरहर
15. “खादिन्यात्मा मनः कालो..........” हैं -
a) कार्य द्रव्य b) कारण द्रव्य
c) सामान्य द्रव्य d) विशेष द्रव्य
a) कार्य द्रव्य b) कारण द्रव्य
c) सामान्य द्रव्य d) विशेष द्रव्य
16. आ॰चरक के मतानुसार मुख दौर्गन्ध्य नाशन हेतु लवङ्ग का कौन सा प्रयोज्यांग प्रयुक्त करने का निर्देश हैं –
a) फल b) पुष्प c) पुष्प-कलिका d) मूल
17. निम्न में से किस कर्म के निरन्तर अभ्यास से “गृध्रसी” रोग उत्पत्ति नहीं हो पाती हैं –
a)
अभ्यंग b) पादाभ्यंग c) पादत्रधारण d) परिमार्जन
18. दशमूल के द्रव्यों के सन्दर्भ में असत्य कथन हैं –
a) ये शोथहर महाकषाय के द्रव्य हैं ।
b) कासहिक्काश्वासकफहर यवागू के द्रव्य हैं ।
c) अनुवासन कर्म हेतु निर्दिष्ट द्रव्य हैं ।
d) उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं ।
19. दधि सेवन के सम्बन्ध में सभी सत्य कथन हैं केवल एक व्यतिक्रम को छोडकर –
a) दधि का घृत व मधु के बिना सेवन नहीं करना चाहिये ।
b) दधि का ऊष्ण द्रव्य के साथ सेवन करना चाहिये ।
c) दधि का शरद वसन्त ग्रीष्म ॠतुओं में सेवन नहीं करना चाहिये ।
d) दधि का हेमन्तशिशिरवर्षा ॠतुओं में सेवन करना चाहिये ।
20. दोष के भेद हैं – a)
3 b) 2 c) 5 d) 1
21. वातकलाकलीयाध्याय में वात का कौनसा गुण नहीं बताया है –
a) खर b) विशद c) सूक्ष्म d) दारुण
a) खर b) विशद c) सूक्ष्म d) दारुण
22. “योगादपि विषं तीक्ष्णं उत्तमं भेषजं भवति ।
भेषजं चापि दुर्युक्तं तीक्ष्णं विषं संपद्यते” का संदर्भ है –
a) च.सू.1 b) सु.सू.1 c) अ.हृ.सू.1 d) च.सू.10
a) च.सू.1 b) सु.सू.1 c) अ.हृ.सू.1 d) च.सू.10
23. चरकानुसार लघु द्रव्य लेते हैं -
a) अतिसौहित्यं b) नातिसौहित्यं c) त्रिभागार्धभागसौहित्यं d) तृप्तिपर्यन्त
a) अतिसौहित्यं b) नातिसौहित्यं c) त्रिभागार्धभागसौहित्यं d) तृप्तिपर्यन्त
24. किसके सेवनोपरान्त धूमपान का निषेध है -
a) मद्य b) मधु c) दुग्ध d) सभी
a) मद्य b) मधु c) दुग्ध d) सभी
25. शास्त्रानुसार निम्न में से किसका दातौन हेतु प्रयोग नहीं करते हैं -
a) अर्क b) वट c) अपामार्ग d) मधुक
a) अर्क b) वट c) अपामार्ग d) मधुक
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